कार्बनिक रसायन
कार्बनिक रसायन (अंग्रेज़ी: Organic Chemistry) रसायन विज्ञान की एक तीन प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी प्रमुख शाखा अकार्बनिक रसायन और तीसरी भौतिक रसायन है। कार्बनिक रसायन का सम्बन्ध मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं वाले रासायनिक यौगिकों के संरचना, गुणधर्म, रासायनिक अभिक्रियाओं एवं उनके निर्माण (संश्लेषण या सिन्थेसिस एवं अन्य प्रक्रिया द्वारा) आदि के वैज्ञानिक अध्ययन से है। कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य अणु भी हो सकते हैं, जैसे- नाइट्रोजन (नत्रजन), ऑक्सीजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, गंधक (सल्फर) आदि।
विषय सूची
संयोजकताएँ
संयोजकताएँ (जिनके द्वारा अणु में परमाणु एक दूसरे के साथ संबद्ध होते हैं) दो प्रकार की होती हैं-
- वैद्युत् संयोजकता (Electrovalency)
- सहसंयोजकता (Covalency)
अकार्बनिक लवणों में अणु में परमाणु, या मूलक, बहुधा विद्युत् संयोजकता द्वारा संबद्ध रहते हैं और ये अणु न केवल विलयनों में ही आयनों में विभक्त हो जाते हैं, बल्कि ठोस क्रिस्टलों में भी इनके आयन विशेष स्थिति में विद्यमान् रहते हैं। कार्बन परमाणु की बाह्यतम परिधि पर चार इलेक्ट्रॉन (.) हैं। यह अपने चारों ओर चार और इलेक्ट्रॉन लेकर अपना अष्टक पूरा कर सकता है। एक कार्बन परमाणु इस प्रकार चार हाइड्रोजनों से भी संयुक्त हो सकता है, या क्लोरीन के चार परमाणुओं से। यह संयोजन विद्युत् संयोजन से भिन्न है। न तो कार्बन टेट्राक्लोराइड विलयनों में विभाजित होकर क्लोराइड आयन देता है और मेथेन विभाजित होकर हाइड्रोजन आयन। दो दो इलेक्ट्रॉनों के भागीदार बनने पर एक एक बंध बनता है। अत: कार्बन की सहसंयोजकता 4 है। कई कार्बन परमाणु भी सहसंयोजकताओं द्वारा आपस में उत्तरोत्तर क्रम से संयुक्त हो सकते हैं। इसी प्रकार साइक्लोपेंटेन, का5हा10 (C5H10), में 5 कार्बनों का बंद वलय, और साइक्लोहेक्सेन, का6हा12 (C6H12), में 6 कार्बनों का बंद वलय है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रसायन विज्ञान (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 14 फरवरी, 2015।