विसरण

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विसरण उस क्रिया को कहते हैं, जिसमें "दो या दो से अधिक पदार्थ स्वतः एक-दूसरे से मिलकर समांग मिश्रण बनाते हैं।" सजीव कोशिकाओं में अमीनो अम्ल के संवहन में विसरण की मुख्य भूमिका होती है। विसरण एक अपरिवर्तनीय क्रिया है, जिसमें पदार्थों के स्वाभाविक बहाव से सांद्रण का अंतर कम होता रहता है। यह क्रिया सभी पदार्थों में होती है।

  • सम्पूर्ण वस्तुएँ ठोस, द्रव तथा गैस, बड़े सूक्ष्म कणों से बनी हुई हैं। सबसे छोटे कणों को अणु कहा जाता है।
  • अणु पदार्थों में सतत गतिशील रहते हैं। इनकी गतियाँ बहुत कुछ ताप पर भी निर्भर करती हैं। भिन्न-भिन्न वस्तुओं को यदि एक साथ रखा जाए, तो इन गतियों के कारण वे परस्पर मिल जाती हैं।
  • ठोसों के अणु एक दूसरे से बहुत निकटता से सटे हुए रहते हैं। द्रवों के अणु ठोसों के अणुओं की अपेक्षा कम सटे हुए रहते हैं। गैसों के अणु तो एक दूसरे से पर्याप्त दूरी पर रहते हैं, यही कारण है कि गैसें बड़ी शीघ्रता से एक-दूसरे में मिल जाती हैं।
  • द्रवों के अणु उतनी शीघ्रता से नहीं मिल पाते और ठोसों के अणु तो परस्पर और देर से मिलते हैं। इस प्रकार पदार्थों के अणुओं के परस्पर मिल जाने को 'विसरण' कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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