भौतिक रसायन
भौतिक रसायन (अंग्रेज़ी: Physical Chemistry) रसायन विज्ञान की वह शाखा है जो भौतिक अवधारणाओं के आधार पर रासायनिक प्रणालियों में घटित होने वाली परिघटनाओं की व्याख्या करती है। द्रव्य की अविनाशिता के नियम के साथ ही साथ भौतिक रसायन की नींव पड़ी, यद्यपि 19वीं शती के अंत तक भौतिक रसायन को रसायन का पृथक् अंग नहीं माना गया। वांट हाफ, विल्हेल्म ऑस्टवाल्ड और आरिनियस के कार्यें ने भौतिक रसायन की रूपरेखा निर्धारित की। स्थिर अनुपात और गुणित अनुपात एवं परस्पर अनुपात के नियमों ने, और बाद को आवोगाड्रो निय, गेलुसैक नियम आदि ने परमाणु और अणु की कल्पना को प्ररय दिया। परमाणुभार और अणुभार निकालने की विविध पद्धतियों का विकास किया गया। गैस संबंधी बॉयल और चार्ल्स के नियमों ने और ग्राहम के अविसरण नियमों ने इसमें सहायता दी। विलयनों की प्रकृति समझने में परासरण दाब संबंधी विचारों ने एक नवीन युग को जन्म दिया। पानी में घुलकर शक्कर के अणु उसी प्रकार अलग अलग हो जाते हैं जैसे शून्य स्थान में गैस के अणु। राउल्ट (Raoult) का वाष्पदाब संबंधी समीकरण विलयनों के संबंध में बड़े काम का सिद्ध हुआ।
बॉयल-चार्ल्स समीकरण
दा´आ=झ पा [P´V=R T]
यहाँ दा (P)=दाब, आ (V)= आयतन, पा (T)=परम ताप तथा झ (R) गैस नियतांक है। यह समीकरण 1 ग्राम-अणु गैस के लिए है। यदि गैस च (n) ग्राम अणु हो, तो यह समीकरण दा´आ=च झ पा (P V= n R T) हो जाएगा।
ग्राहम का समीकरण
इसमें दो गैसों के लिए क्रमश: विसरण (diffusion) की गतियाँ गा1 (D1) और गा2 (D2) हैं, गैसों के घनत्व घ1 (d1) और घ2 (d2) है, उनके अणुभार अ1 (M1) और अ2 (M2) हैं, एवं किसी छोटे से छेद में होकर गैस के निचित आयतन के विसरण का समय क्रमश: स1 (t1) और स2 (t2) है।
डाल्टन का आंशिक दाब का नियम
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रसायन विज्ञान (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 14 फरवरी, 2015।