परासरण

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परासरण (अंग्रेज़ी: Osmosis) विलयन से सम्बद्ध एक असाधारण परिघटना है। यह विलायक अणुओं का अर्द्ध-पारगम्य[1] झिल्ली द्वारा कम सांद्रता वाले विलयन से अधिक सांद्रता वाले विलयन की ओर विसरण है।

  • परासरण झिल्ली द्वारा विभाजित घोल के बीच जल का स्थानांतरण होता है। यह झिल्ली जल के लिए पारगम्य होती है, किन्तु विलेय के लिए अपारगम्य होती है।
  • जब तनु और सांद्र घोल एक दूसरे से झिल्ली से विभाजित होते हैं, तब क्षीण घोल से उच्च घोल की तरफ स्थानांतरण होता है।
  • जल का जड़ रोएं में प्रवेश तथा पादप शरीर मे जल का स्थानांतरण परासरण के उदाहरण हैं।
परासरण का महत्त्व
  1. मृदा से जड़ तक जल का स्थानांतरण परासरण से होता है।
  2. कोशिकाओं के मध्य जल का विसरण इसी प्रक्रिया द्वारा पूर्ण होता है।
  3. नयी कोशिकाओं के विकास के लिए स्फीत अवस्था चाहिए होती है और कोशिकाओं की स्फीत परासरण की प्रक्रिया द्वारा होती है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. semipermeable
  2. पदार्थों का वहन-परासरण (हिन्दी) इंडिग.इन। अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2014।

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