पंचशैल मेरु पर्वत के दक्षिण भाग में त्रिशिखर, शिशिर, कलिंग, पतंग, रुचक, विषधार, रत्नधार आदि श्रेष्ठ पर्वतों में से एक पर्वत है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वायुपुराण 36.24
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