कछावतार
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:49, 20 नवम्बर 2021 का अवतरण (''''कछावतार''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा [...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
कछावतार - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कच्छ+अवतार)[1]
कच्छपावतार।
उदाहरण-
कछावतार किद्धयं। लछम्मि जीत लिद्धयं। - पृथ्वीराज रासो[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 743 |
- ↑ पृथ्वीराज रासो, खंड 5, सं. मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या, श्यामसुंदर दास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
संबंधित लेख
|