कच्ची सिलाई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कच्ची सिलाई - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्ची+सिलाई)[1]

1. वह दूर-दूर तक पड़ा हुआ डोभ या टाँका जो बखिया करने से पहले जोड़ों को मिलाये रहता है। यह पीछे खोल दिया जाता है। लंगर। कोका।

2. किताबों की वह सिलाई जिसमें सब फरमें एक साथ हाशिये पर से सी दिये जाते हैं। इस सिलाई की पुस्तक के पन्ने पूरे नहीं खुलते। जिल्दबंदी में इस प्रकार की सिलाई नहीं की जाती।

क्रिया प्रयोग- करना, होना।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 742 |

संबंधित लेख