कंकोल

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कंकोल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कोल)[1]

1. शीतल चीनी के वृक्ष का एक भेद।

उदाहरण

चंदन बंदन योग तुम, धन्य द्रुमन के राय, देत कुकुज कंकोल लों, देवन सीस चढ़ाय।[2]

2. कंकोल का फल। इसे कंकोल मिर्च भी कहते हैं।

उदाहरण

शशिद्युत डील जिती कंकोल।[3]

विशेष - इसके फल शीतल चीनी से बड़े और कड़े होते हैं। ये दवा के काम में आते हैं पौर तेल के मसालों में पड़ते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 717 |
  2. दीनदयालु गिरि
  3. रत्नपरीक्षा (शब्द.)

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