संज्ञा
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एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- संज्ञा (बहुविकल्पी) |
शब्द और पद
सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे शब्द न कहकर पद कहा जाता है। हिन्दी में पद पाँच प्रकार के होते हैं-
संज्ञा
- किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे - श्याम, आम, मिठास, हाथी आदि।
- संज्ञा सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में संज्ञा एक विकारी शब्द है।
संज्ञा के प्रकार
- संज्ञा के तीन भेद हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा।
- जातिवाचक संज्ञा।
- भाववाचक संज्ञा।