क्रिया
- जिस शब्द अथवा शब्द-समूह के द्वारा किसी कार्य के होने अथवा किये जाने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-
- सीता 'नाच रही है'।
- बच्चा दूध 'पी रहा है'।
- सुरेश कॉलेज 'जा रहा है'।
- मीरा 'बुद्धिमान है'।
- शिवा जी बहुत 'वीर' थे।
इनमें ‘नाच रही है’, ‘पी रहा है’, ‘जा रहा है’ शब्दों से कार्य-व्यापार का बोध हो रहा हैं। इन सभी शब्दों से किसी कार्य के करने अथवा होने का बोध हो रहा है। अतः ये क्रियाएँ हैं।
- क्रिया सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में क्रिया एक विकारी शब्द है।
धातु
क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। जैसे - लिख, पढ़, जा, खा, गा, रो, आदि। इन्हीं धातुओं से लिखता, पढ़ता, आदि क्रियाएँ बनती हैं।