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एक देवनागरी लिपि का चिह्न है जिसे अवग्रह चिह्न भी कहते है। अवग्रह (ऽ) एक देवनागरी चिह्न है जिसका प्रयोग संधि-विशेष के कारण विलुप्त हुए 'अ' को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसे पूर्वरूप स्वर सन्धि कहते हैं। यह अयादि सन्धि का अपवाद है। पद के अन्त में ए/ओ के बाद यदि अकार आये तो अकार लुप्त हो जाता है तथा ए/ओ का पूर्वरूप (पहले जैसा) हो जाता है। यहाँ इसी लुप्त हुए 'अ' को अवग्रह चिह्न 'ऽ' से प्रदर्शित करते हैं।

उदाहरण

बालकः+अयम्= बालको+अयम्=बालकोऽयम्।

  • आधुनिक भारतीय भाषाओं में इस चिह्न का प्रयोग अतिदीर्घ स्वर (जैसे पुकारने में) के लिए भी किया जाने लगा है, जैसे -'माँ ऽऽऽ'। वहीं छन्दःशास्त्र में इस चिह्न को गुरुमात्रा (आ, ई, ऊ आदि) प्रदर्शित करने में भी प्रयुक्त करते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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