कंदमूल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कन्दमूल)[1]
1. कंद और मूल।
2. तीन चार हाथ ऊँचा एक पौधा।
विशेष- इसका पत्ता सेमल के पत्ते सा होता है। इसकी जड़ मोटी, लंबी और गूदेदार होती है। इसकी डालियाँ जमीन में लगती हैं। नेपाल की तराई में पहाड़ों के किनारे यह बहुत मिलता है। लकड़ी पोली और निकम्मी होती है। जड़ को लोग उबालकर या तरकारी बनाकर खाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 724 |
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