"राज्य सभा": अवतरणों में अंतर
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'''जब सभापति तथा उपसभापति''' दोनों अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के सभापति के कार्यों का निर्वहन राज्यसभा का वह सदस्य करेगा, जिसका नाम राष्ट्रपति निर्देशित करे और राज्यसभा की बैठक में वह व्यक्ति सभापति के कार्यों का निर्वाह करेगा, जिसे राज्यसभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा या राज्यसभा द्वारा अवधारित किया जाय। | '''जब सभापति तथा उपसभापति''' दोनों अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के सभापति के कार्यों का निर्वहन राज्यसभा का वह सदस्य करेगा, जिसका नाम राष्ट्रपति निर्देशित करे और राज्यसभा की बैठक में वह व्यक्ति सभापति के कार्यों का निर्वाह करेगा, जिसे राज्यसभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा या राज्यसभा द्वारा अवधारित किया जाय। | ||
==राज्य सभा सदस्यों की राज्यवार सूची== | |||
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|- | |||
! राज्य का नाम | |||
! सदस्यों की संख्या | |||
|- | |||
| [[आंध्र प्रदेश]] | |||
| 11 | |||
|- | |||
| [[अरुणाचल प्रदेश]] | |||
| 1 | |||
|- | |||
| असम | |||
| 7 | |||
|- | |||
| बिहार | |||
| 16 | |||
|- | |||
| छत्तीसगढ़ | |||
| 5 | |||
|- | |||
| गोवा | |||
| 1 | |||
|- | |||
| गुजरात | |||
| 11 | |||
|- | |||
| हरियाणा | |||
| 5 | |||
|- | |||
| हिमाचल प्रदेश | |||
| 3 | |||
|- | |||
| जम्मू और कश्मीर | |||
| 4 | |||
|- | |||
| झारखण्ड | |||
| 6 | |||
|- | |||
| कर्नाटक | |||
| 12 | |||
|- | |||
| केरल | |||
| 9 | |||
|- | |||
| मध्य प्रदेश | |||
| 11 | |||
|- | |||
| महाराष्ट्र | |||
| 19 | |||
|- | |||
| मणिपुर | |||
| 1 | |||
|- | |||
| मेघालय | |||
| 1 | |||
|- | |||
| मिज़ोरम | |||
| 1 | |||
|- | |||
| नागालैंड | |||
| 1 | |||
|- | |||
| राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली | |||
| 3 | |||
|- | |||
| ओडिशा | |||
| 10 | |||
|- | |||
| पॉन्डेचेरी | |||
| 1 | |||
|- | |||
| पंजाब | |||
| 7 | |||
|- | |||
| राजस्थान | |||
| 10 | |||
|- | |||
| सिक्किम | |||
| 1 | |||
|- | |||
| तमिलनाडु | |||
| 18 | |||
|- | |||
| तेलंगाना | |||
| 7 | |||
|- | |||
| त्रिपुरा | |||
| 1 | |||
|- | |||
| उत्तर प्रदेश | |||
| 31 | |||
|- | |||
| उत्तराखण्ड | |||
| 3 | |||
|- | |||
| पश्चिम बंगाल | |||
| 19 | |||
|- | |||
| नामित सदस्य | |||
| 12 | |||
|} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
13:24, 23 जून 2014 का अवतरण

भारतीय संविधान के प्रवर्तन के बाद 'काउंसिल ऑफ स्टेट्स' (राज्यसभा) का गठन सर्वप्रथम 3 अप्रैल, 1952 को किया गया था। इसकी पहली बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। इसकी अध्यक्षता तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा की गई थी। 23 अगस्त 1954 को सभापति ने सदन में घोषणा की कि, ‘काउंसिल ऑफ स्टेट्स’ को अब राज्यसभा के नाम से जाना जाएगा।
गठन
संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्यसभा का गठन 250 सदस्यों द्वारा होगा, इनमें से 12 सदस्यों के नाम राष्ट्रपति द्वारा निर्देशित किये जाते हैं तथा शेष 238 का चुनाव राज्य तथा संघ राज्यक्षेत्रों की विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है। राज्यसभा में राज्यों तथा संघ राज्यक्षेत्रों की विधान सभाओं के लिए आवंटित स्थान को संविधान की चौथी अनुसूची में अन्तर्विष्ट किया गया है। इस अनुसूची में केवल 233 स्थानों के सम्बन्ध में उल्लेख किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि, वर्तमान समय में राज्यसभा की प्रभावी संख्या 245 (राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्यों सहित) है। वे 12 सदस्य जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया जाता है, उन्हें साहित्य, विज्ञान, कला तथा समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए।
अप्रत्यक्ष चुनाव
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। राज्यों के प्रतिनिधियों का चुनाव राज्यों की विधानसभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है तथा संघराज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का चुनाव उस ढंग से किया जाता है, जिसे संसद विधि बनाकर विहित करे। राज्यसभा में केवल दो संघ राज्यक्षेत्रों- यथा राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र दिल्ली तथा पाण्डिचेरी, के लिए स्थानों को आवंटित किया गया है। इन राज्य क्षेत्रों के आवंटन में राज्यसभा के स्थानों को भरने के लिए निर्वाचकगणों को गठित करने के सम्बन्ध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा '27-क' में संसद द्वारा उस ढंग को विहित किया गया है, जिसके अनुसार पाण्डिचेरी संघ राज्यक्षेत्र के लिए आवंटित स्थान को इस संघ राज्य क्षेत्र के विधान सभा के सदस्यों द्वारा चुने गये व्यक्ति से भरा जाएगा तथा दिल्ली के सम्बन्ध में इस धारा में कहा गया था कि, "दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र के राज्यसभा सदस्य का चुनाव महानगर के परिषद के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाएगा, लेकिन दिल्ली में विधानसभा के गठन के बाद स्थिति में परिवर्तन हो गया है"।
अवधि
राज्यसभा का कभी विघटन नहीं होता। इसके सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। इसके सदस्यों में से एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दूसरे वर्ष पदमुक्त हो जाते हैं तथा पदमुक्त होने वाले सदस्यों के स्थानों को भरने के लिए प्रत्येक दूसरे वर्ष चुनाव होता है। यदि कोई सदस्य त्यागपत्र दे देता है या उसकी आकस्मिक मृत्यु के कारण कोई स्थान रिक्त होता है, तो इस रिक्त स्थान के लिए उपचुनाव होता है।
अधिवेशन
राज्यसभा का एक वर्ष में दो बार अधिवेशन होता है, लेकिन इसके अधिवेशन की अन्तिम बैठक तथा आगामी अधिवेशन की प्रथम बैठक के लिए नियत तिथि के बीच 6 माह का अन्तर नहीं होना चाहिए। सामान्यतया राज्यसभा का अधिवेशन तभी बुलाया जाता है, जब लोकसभा का अधिवेशन बुलाया जाता है। परन्तु संविधान के अनुच्छेद 352, 356 तथा 360 के अधीन आपात काल की घोषणा के बाद तब राज्य सभा का विशेष अधिवेशन बुलाया जा सकता है, जब लोकसभा का विघटन हो गया हो।
पदाधिकारी
राज्यसभा के निम्नलिखित पदाधिकारी होते हैं-
सभापति
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। यह राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन तथा सदन में अनुशासन बनाये रखने के लिए उत्तरदायी होता है। सभापति राज्यसभा के नये सदस्यों को पद की शपथ दिलाता है। उपराष्ट्रपति द्वारा कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान राज्यसभा के सभापति के रूप में उपसभापति द्वारा दायित्वों का निर्वहन किया जाता है।
उपसभापति
राज्यसभा अपने सदस्यों में से किसी को अपना उपसभापति चुनेगी और जब उपसभापति का पद रिक्त होता है, तब राज्यसभा किसी अन्य सदस्य को अपना उपसभापति चुनेगी। इस प्रकार चुना गया उपसभापति, सभापति की अनुपस्थिति में उसके कार्यों का निर्वाह करता है। 14 मई, 2002 को संसद द्वारा पारित विधेयक के अनुसार उपसभापति को केन्द्रीय राज्य मंत्री के समान भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। उप सभापति निम्नलिखित स्थिति में अपना पद रिक्त कर सकता है-
- जब वह राज्यसभा का सदस्य न रह जाय।
- जब वह सभापति को अपना त्यागपत्र दे दे।
- जब तक वह राज्यसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से न हटा दिया जाय, लेकिन ऐसा कोई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा, जब तक कि इस #संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौदह दिन पूर्व सूचना न दे दी गई हो।
अन्य व्यक्ति
जब सभापति तथा उपसभापति दोनों अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के सभापति के कार्यों का निर्वहन राज्यसभा का वह सदस्य करेगा, जिसका नाम राष्ट्रपति निर्देशित करे और राज्यसभा की बैठक में वह व्यक्ति सभापति के कार्यों का निर्वाह करेगा, जिसे राज्यसभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा या राज्यसभा द्वारा अवधारित किया जाय।
राज्य सभा सदस्यों की राज्यवार सूची
राज्य का नाम | सदस्यों की संख्या |
---|---|
आंध्र प्रदेश | 11 |
अरुणाचल प्रदेश | 1 |
असम | 7 |
बिहार | 16 |
छत्तीसगढ़ | 5 |
गोवा | 1 |
गुजरात | 11 |
हरियाणा | 5 |
हिमाचल प्रदेश | 3 |
जम्मू और कश्मीर | 4 |
झारखण्ड | 6 |
कर्नाटक | 12 |
केरल | 9 |
मध्य प्रदेश | 11 |
महाराष्ट्र | 19 |
मणिपुर | 1 |
मेघालय | 1 |
मिज़ोरम | 1 |
नागालैंड | 1 |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली | 3 |
ओडिशा | 10 |
पॉन्डेचेरी | 1 |
पंजाब | 7 |
राजस्थान | 10 |
सिक्किम | 1 |
तमिलनाडु | 18 |
तेलंगाना | 7 |
त्रिपुरा | 1 |
उत्तर प्रदेश | 31 |
उत्तराखण्ड | 3 |
पश्चिम बंगाल | 19 |
नामित सदस्य | 12 |
|
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