डॉ. राष्ट्रबंधु
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डॉ. राष्ट्रबंधु (जन्म: 1933 - मृत्यु: 3 मार्च, 2015) बालसाहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। डॉ. राष्ट्रबंधु का वास्तविक नाम श्रीकृष्ण चंद्र तिवारी था। इन्होंने बालसाहित्य के द्वारा न केवल बालमन में जगह बनाई बल्कि उनकी शिक्षा में भी महान योगदान दिया।
संक्षिप्त परिचय
- डॉ. राष्ट्रबंधु का जन्म सहारनपुर में वर्ष 1933 में हुआ और 1940 में उनका परिवार कानपुर में आकर बस गया।
- डॉ. राष्ट्रबंधु का बचपन बेहद अभावों में बीता। पेट भरने के लिए उन्होंने बूट पालिश, मजदूरी तक की।
- बाल साहित्य में उनके कार्य के लिए 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें सम्मानित किया। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी उन्हें सम्मानित कर चुके थे।
- उन्हें हरिकृष्ण तैलंग, बालसाहित्य सम्मान समेत कई पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा गया था।
- 1950 में उकी पहली पुस्तक बाल भूषण प्रकाशित हुई।[1]
कृतियाँ
- डॉ. राष्ट्रबंधु ने तपती रेत
- जयंतिया पर्व दिवस
- भारत की महान बेटियां
- 52 गांव इनाम में
- ये महान कैसे बने
- राजू के गीत
- जादूघर से लगते बादल
- टेसूजी की भारत यात्रा
निधन
डॉ. राष्ट्रबंधु का 3 मार्च, 2015 मंगलवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बाल साहित्य के पितामह डॉ. राष्ट्रबंधु नहीं रहे (हिन्दी) नई दुनिया। अभिगमन तिथि: 7 मार्च, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
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