"पोर्ट ब्लेयर": अवतरणों में अंतर
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Port-Blair.jpg|thumb|250px|पोर्ट ब्लेयर का एक दृश्य]] | [[चित्र:Port-Blair.jpg|thumb|250px|पोर्ट ब्लेयर का एक दृश्य]] | ||
पोर्ट ब्लेयर [[अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह|अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों]] की राजधानी है। पोर्ट ब्लेयर [[कोलकाता]] से 1,255 किलोमीटर तथा [[चेन्नई]] से 1,191 किलोमीटर दूर स्थित है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर ख़ूबसूरत नज़ारों से भरी हुई है। | '''पोर्ट ब्लेयर''' [[अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह|अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों]] की राजधानी है। पोर्ट ब्लेयर [[कोलकाता]] से 1,255 किलोमीटर तथा [[चेन्नई]] से 1,191 किलोमीटर दूर स्थित है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर ख़ूबसूरत नज़ारों से भरी हुई है। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
पोर्ट ब्लेयर स्थित सेलुलर जेल का निर्माण [[1886]] से [[1906]] के बीच करवाया गया था। अंग्रेज़ो द्वारा यहाँ [[1947]] तक [[भारत]] के स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था। प्राय: इसे काले पानी की सज़ा की संज्ञा दी जाती थी। | पोर्ट ब्लेयर नगर का नामकरण 'लेफ्टिनेट रेगिनाल्ड ब्लेयर' के नाम पर किया गया। उन्होंने 1789 ई. में इस क्षेत्र का सर्वे किया था। पोर्ट ब्लेयर स्थित सेलुलर जेल का निर्माण [[1886]] से [[1906]] के बीच करवाया गया था। अंग्रेज़ो द्वारा यहाँ [[1947]] तक [[भारत]] के स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था। प्राय: इसे काले पानी की सज़ा की संज्ञा दी जाती थी। राजनीतिक बंदियों के अलावा खूंखार अपराधियों को यहाँ रखने का काम द्वितीय विश्वयुद्ध तक जारी रहा। विश्वयुद्ध के दौरान [[1942]] ई. में इस पर [[जापान|जापानी]] सेना ने कब्जा कर लिया। तत्पश्चात लॉर्ड माउण्टबेटन के कार्यकाल में इस पर [[अंग्रेज|अंग्रेजी]] आधिपत्य हो गया। सम्प्रति, यह जेल एक संग्रहालय के रूप में है। | ||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
यहाँ स्थित छत्तम आरा मिल एशिया की प्राचीनतम मिलों में से एक है। | यहाँ स्थित छत्तम आरा मिल एशिया की प्राचीनतम मिलों में से एक है। |
10:56, 5 अप्रैल 2012 का अवतरण

पोर्ट ब्लेयर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की राजधानी है। पोर्ट ब्लेयर कोलकाता से 1,255 किलोमीटर तथा चेन्नई से 1,191 किलोमीटर दूर स्थित है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर ख़ूबसूरत नज़ारों से भरी हुई है।
इतिहास
पोर्ट ब्लेयर नगर का नामकरण 'लेफ्टिनेट रेगिनाल्ड ब्लेयर' के नाम पर किया गया। उन्होंने 1789 ई. में इस क्षेत्र का सर्वे किया था। पोर्ट ब्लेयर स्थित सेलुलर जेल का निर्माण 1886 से 1906 के बीच करवाया गया था। अंग्रेज़ो द्वारा यहाँ 1947 तक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था। प्राय: इसे काले पानी की सज़ा की संज्ञा दी जाती थी। राजनीतिक बंदियों के अलावा खूंखार अपराधियों को यहाँ रखने का काम द्वितीय विश्वयुद्ध तक जारी रहा। विश्वयुद्ध के दौरान 1942 ई. में इस पर जापानी सेना ने कब्जा कर लिया। तत्पश्चात लॉर्ड माउण्टबेटन के कार्यकाल में इस पर अंग्रेजी आधिपत्य हो गया। सम्प्रति, यह जेल एक संग्रहालय के रूप में है।
उद्योग और व्यापार
यहाँ स्थित छत्तम आरा मिल एशिया की प्राचीनतम मिलों में से एक है।
पर्यटन
सिपीघाट फार्म, वाइपर टापू पोर्ट ब्लेयर स्थित अन्य दर्शनीय स्थल हैं। पोर्ट ब्लेयर से 35 किलोमीटर दक्षिण में स्थित चिरिया टापू अपने सुंदर समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है। कोरबिन कोव, माउंट हेरिट, रोस टापू, मधुबन तट तथा काला पत्थर पोर्ट ब्लेयर के समीप स्थित अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं।
|
|
|
|
|