पनिहारी नृत्य राजस्थान के लोक नृत्यों में से एक है, जो कालबेलिया जाति के स्त्री-पुरुषों द्वारा किया जाता है। 'पनिहारी' का अर्थ होता है- "पानी भरने जाने वाली"। यह आश्रित सह युगल नृत्य है।
- पनिहारी नृत्य प्रसिद्ध 'घूमर नृत्य' के समान होता है।
- इस नृत्य में महिलाएँ सिर पर मिट्टी के घड़े रखकर हाथों एवं पैरों के संचालन के साथ नृत्य करती हैं।
- यह एक प्रकार का समूह नृत्य है, और अक्सर उत्सव या त्योहार पर किया जाता है।
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