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*स्त्रियाँ चिड़वा, [[चावल]] की टिकिया, तरह–तरह के लारु (लड्डु) तथा कराई अर्थात् तरह–तरह के भुने हुए अनाज का मिश्रण तैयार करती हैं। | *स्त्रियाँ चिड़वा, [[चावल]] की टिकिया, तरह–तरह के लारु (लड्डु) तथा कराई अर्थात् तरह–तरह के भुने हुए अनाज का मिश्रण तैयार करती हैं। | ||
* ये सब | * ये सब चीज़ें दोपहर के समय गुड़ और [[दही]] के साथ खाई जाती हैं। मित्रों तथा सगे सम्बन्धियों को आमंत्रित कर आदर दिया जाता है। | ||
* स्वाभाविक है कि स्वादिष्ट भोजन ही इस पर्व का अभिन्न अंग होता है। इस अवसर पर सामुदायिक भोज एक सप्ताह तक चलते हैं। साथ ही मनोरंजन के लिए अन्य कार्यक्रम जैसे पशु युद्ध इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं। महोत्सव के एक अभिन्न अंग के रूप में अलाव भी जलाए जाते हैं। | * स्वाभाविक है कि स्वादिष्ट भोजन ही इस पर्व का अभिन्न अंग होता है। इस अवसर पर सामुदायिक भोज एक सप्ताह तक चलते हैं। साथ ही मनोरंजन के लिए अन्य कार्यक्रम जैसे पशु युद्ध इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं। महोत्सव के एक अभिन्न अंग के रूप में अलाव भी जलाए जाते हैं। | ||
13:41, 1 अक्टूबर 2012 का अवतरण

मकर संक्रान्ति के दिन जनवरी के मध्य में, माघबिहू मनाया जाता है। यह भारत के असम राज्य का प्रमुख त्योहार है।
- इस अवसर पर प्रचुर मात्रा में हुई फ़सल किसान को आनन्दित करती है। यह त्यौहार जाड़े में तब मनाया जाता है, जब फ़सल कट जाने के बाद किसानों के आराम का समय होता है।
- माघबिहू पर मुख्य रूप से भोज देने की प्रथा है। इस कारण इसे "भोगासी बिहू" अथवा "भोग–उपभोग का बिहू" भी कहते हैं।
- स्त्रियाँ चिड़वा, चावल की टिकिया, तरह–तरह के लारु (लड्डु) तथा कराई अर्थात् तरह–तरह के भुने हुए अनाज का मिश्रण तैयार करती हैं।
- ये सब चीज़ें दोपहर के समय गुड़ और दही के साथ खाई जाती हैं। मित्रों तथा सगे सम्बन्धियों को आमंत्रित कर आदर दिया जाता है।
- स्वाभाविक है कि स्वादिष्ट भोजन ही इस पर्व का अभिन्न अंग होता है। इस अवसर पर सामुदायिक भोज एक सप्ताह तक चलते हैं। साथ ही मनोरंजन के लिए अन्य कार्यक्रम जैसे पशु युद्ध इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं। महोत्सव के एक अभिन्न अंग के रूप में अलाव भी जलाए जाते हैं।
इन्हें भी देखें: बिहू एवं बिहू नृत्य
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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