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* भारतीय संस्कृति के विविध आयामों में व्याप्त मानवीय और रसात्मक तत्व उसके कला रूपों में प्रकट हुए हैं। <br /> | * भारतीय संस्कृति के विविध आयामों में व्याप्त मानवीय और रसात्मक तत्व उसके कला रूपों में प्रकट हुए हैं। <br /> | ||
* मानवीय संबंधों और स्थितियों की विविध भावलीलाओं और उसके माध्यम से चेतना को 'कला' उजागार करती है। | * मानवीय संबंधों और स्थितियों की विविध भावलीलाओं और उसके माध्यम से चेतना को 'कला' उजागार करती है। | ||
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09:12, 15 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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