महारास, मणिपुर

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महारास (अंग्रेज़ी: Maharas) भारतीय राज्य मणिपुर में किये जाने वाले रास नृत्यों में से एक है। यह भागवतपुराण की 'रसपंचाध्यायी' पर आधारित है।

  • भगवान कृष्ण अपने वादे के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा की रात को गोपियों के साथ रासलीला करने के लिए नियत स्थल (कुंज) पर पहुँचे। बांसुरी के संगीत से मंत्रमुग्ध होकर राधा और गोपियाँ अपना काम छोड़कर श्रीकृष्ण से मिलने के लिए निकल गईं। श्रीकृष्ण से मिलने पर राधा और गोपियों का वियोग दुःख दूर हुआ। उन्होंने कृष्ण के साथ नृत्य किया; लेकिन शीघ्र ही उनका हर्ष विषाद में बदल गया।
  • जब गोपियों को श्रीकृष्ण के साहचर्य का अभिमान हो गया, तब कृष्ण अचानक वहाँ से गायब हो गए। कृष्ण के वियोग से गोपियाँ अत्यंत दु:खी हो गईं और वे पशु-पक्षियों से कृष्ण का पता पूछने लगीं। जब वे अत्यंत दीन-हीन व विनम्र होकर श्रीकृष्ण की तलाश करने लगीं और उनका अभिमान दूर हो गया; तब श्रीकृष्ण प्रकट हुए लेकिन अब वे अकेले नहीं थे, बल्कि उनके साथ असंख्य कृष्ण थे। प्रत्येक गोपी के साथ एक कृष्ण नृत्य करने लगे।
  • महारास नृत्य में सूत्रधारी (सामान्यतः दो) कथा सुनाने के साथ-साथ श्लोकों-गीतों के माध्यम से कथात्मक टिप्पणियाँ भी प्रस्तुत करते हैं।
  • मणिपुर में हर साल महिलाएं और लड़कियां कार्तिक पूर्णिमा की रात का बेसब्री से इंतजार करती हैं ताकि वे सुंदर मणिपुरी पोटलोई पहनकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर सकें। उनकी निष्काम भक्ति और ईश्वर के प्रति अनुराग दर्शकों और प्रतिभागियों को एक ऐसी दुनिया में ले जाता है, जहां केवल शुद्ध प्रेम का सागर लहराता रहता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मणिपुर के पर्व- त्योहार (हिंदी) apnimaati.com। अभिगमन तिथि: 02 अक्टूबर, 2021।

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