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'''चेईराओबा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Che।raoba'') एक महत्त्वपूर्ण मैतेई त्योहार है। इस उत्सव की शुरुआत पहली शताब्दी में पखंगबा द्वारा की गई थी। इस त्योहार को पहले ‘कुम्गी लकयेन तैबा’ अथवा ‘सजिबु लकयेन तैबा’ के नाम से जानते थे। ‘सजिबु’ ([[मार्च]]-[[अप्रैल]]) महीने के पहले दिन में इसका आयोजन किया जाता है। यह [[मणिपुर]] के नए वर्ष का त्योहार है जिसे सभी मैतेई परम्परागत तरीके से मनाते हैं।
 
'''चेईराओबा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Che।raoba'') एक महत्त्वपूर्ण मैतेई त्योहार है। इस उत्सव की शुरुआत पहली शताब्दी में पखंगबा द्वारा की गई थी। इस त्योहार को पहले ‘कुम्गी लकयेन तैबा’ अथवा ‘सजिबु लकयेन तैबा’ के नाम से जानते थे। ‘सजिबु’ ([[मार्च]]-[[अप्रैल]]) महीने के पहले दिन में इसका आयोजन किया जाता है। यह [[मणिपुर]] के नए वर्ष का त्योहार है जिसे सभी मैतेई परम्परागत तरीके से मनाते हैं।
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
पहले इस त्योहार की घोषणा चार ‘पना’ के प्रमुख करते थे। पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में राजा क्यम्बा के शासन काल में अनुष्ठानों के तरीकों में बदलाव किया गया और चार पना के स्थान पर शाही अधिकारी त्योहार की घोषणा करने लगे, जिन्हें ‘चेईताबा’ कहा जाता था। चेईताबा मैतेई ब्राह्मण होता था, कोई गैर हिंदू चेईताबा नहीं बन सकता था। राजा की उपस्थिति में अनुष्ठान आयोजित होता था।<ref name="pp">{{c।te web |url=http://www.apn।maat।.com/2020/07/blog-post_32.html |t।tle=मणिपुर के पर्व–त्योहार|accessmonthday=28 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |f।rst= |authorl।nk= |format= |publ।sher=apn।maat।.com |language=हिंदी}}</ref>
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==नाम==
 
==नाम==
 
चेईराओबा ‘चेई’ और ‘राओबा’ के योग से बना है। ‘चेई’ का अर्थ वर्ष और ‘राओबा’ का अर्थ ‘चिल्लाना’ होता है। अतः चेईराओबा का अर्थ नए वर्ष की घोषणा है। ‘पना’ अथवा ‘चेईताबा’ द्वारा त्योहार की घोषणा से ‘चेईराओबा’ शब्द का संबंध है। मैतेई के अतिरिक्त पंगल समुदाय (मणिपुरी मुस्लिम) भी यह त्योहार मनाता है।
 
चेईराओबा ‘चेई’ और ‘राओबा’ के योग से बना है। ‘चेई’ का अर्थ वर्ष और ‘राओबा’ का अर्थ ‘चिल्लाना’ होता है। अतः चेईराओबा का अर्थ नए वर्ष की घोषणा है। ‘पना’ अथवा ‘चेईताबा’ द्वारा त्योहार की घोषणा से ‘चेईराओबा’ शब्द का संबंध है। मैतेई के अतिरिक्त पंगल समुदाय (मणिपुरी मुस्लिम) भी यह त्योहार मनाता है।

09:16, 28 सितम्बर 2021 का अवतरण

चेईराओबा (अंग्रेज़ी: Che।raoba) एक महत्त्वपूर्ण मैतेई त्योहार है। इस उत्सव की शुरुआत पहली शताब्दी में पखंगबा द्वारा की गई थी। इस त्योहार को पहले ‘कुम्गी लकयेन तैबा’ अथवा ‘सजिबु लकयेन तैबा’ के नाम से जानते थे। ‘सजिबु’ (मार्च-अप्रैल) महीने के पहले दिन में इसका आयोजन किया जाता है। यह मणिपुर के नए वर्ष का त्योहार है जिसे सभी मैतेई परम्परागत तरीके से मनाते हैं।

इतिहास

पहले इस त्योहार की घोषणा चार ‘पना’ के प्रमुख करते थे। पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में राजा क्यम्बा के शासन काल में अनुष्ठानों के तरीकों में बदलाव किया गया और चार पना के स्थान पर शाही अधिकारी त्योहार की घोषणा करने लगे, जिन्हें ‘चेईताबा’ कहा जाता था। चेईताबा मैतेई ब्राह्मण होता था, कोई गैर हिंदू चेईताबा नहीं बन सकता था। राजा की उपस्थिति में अनुष्ठान आयोजित होता था।[1]

नाम

चेईराओबा ‘चेई’ और ‘राओबा’ के योग से बना है। ‘चेई’ का अर्थ वर्ष और ‘राओबा’ का अर्थ ‘चिल्लाना’ होता है। अतः चेईराओबा का अर्थ नए वर्ष की घोषणा है। ‘पना’ अथवा ‘चेईताबा’ द्वारा त्योहार की घोषणा से ‘चेईराओबा’ शब्द का संबंध है। मैतेई के अतिरिक्त पंगल समुदाय (मणिपुरी मुस्लिम) भी यह त्योहार मनाता है।

कैसे मनाते हैं

बाँस में लगा झंडा और घंटी बीते हुए वर्ष और आने वाले वर्ष के संकेतक हैं। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों की साफ-सफाई कर उसे सजाते हैं। इस उत्सव के अवसर पर विशेष प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं और सर्वप्रथम विभिन्न देवताओं को व्यंजन अर्पित किए जाते हैं। इस दिन गाँव के लोग निकट में स्थित पर्वत चोटी पर चढ़ते हैं। पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने का अनुष्ठान त्योहार का अभिन्न अंग है। ग्रामीणों का विश्वास है कि ऐसा करने से वे सांसारिक जीवन में अधिक से अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम होंगे।[1]

मणिपुर के प्रत्येक घर में कुलदेवता सनामही की पूजा की जाती है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और नए बर्तन भी खरीदते हैं। पूरे मणिपुर में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर परिवारों और दोस्तों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह लोकप्रिय त्योहार परिवार के सदस्यों के बीच अटूट प्रेम बंधन का प्रतीक है। चेईराओबा का समारोह राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता है। वैयक्तिक स्तर पर भी इस त्योहार का आयोजन किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 मणिपुर के पर्व–त्योहार (हिंदी) apnimaati.com। अभिगमन तिथि: 28 सितम्बर, 2021।

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