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गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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| class="headbg12" style="border:1px solid #FFD2A6;padding:10px;width:50%;" valign="top" | <div class="headbg11" style="padding-left:8px;"><span style="color: rgb(153, 51, 0);">'''विशेष आलेख'''</span></div> | | class="headbg12" style="border:1px solid #FFD2A6;padding:10px;width:50%;" valign="top" | <div class="headbg11" style="padding-left:8px;"><span style="color: rgb(153, 51, 0);">'''विशेष आलेख'''</span></div> | ||
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[नृत्य कला]]'''</div> | ||
[[चित्र: | <div id="rollnone"> [[चित्र:Birju-Maharaj-1.jpg|right|100px|बिरजू महाराज|link=बिरजू महाराज]] </div> | ||
*जयमंगल के मतानुसार [[चौंसठ कलाएँ|चौंसठ कलाओं]] में से यह एक कला है। | |||
*'नृत्य में करण, अंगहार, विभाव, भाव, अनुभाव और रसों की अभिव्यक्ति की जाती है। नृत्य के दो प्रकार हैं- '''नाट्य और अनाट्य'''। | |||
*स्वर्ग-नरक या [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के निवासियों की कृतिका अनुकरण को 'नाट्य' कहा जाता है और अनुकरण-विरहित नृत्य को 'अनाट्य' कहा जाता है। | |||
*[[भारत]] में शास्त्रीय और लोक परम्पराओं के ज़रिये एक प्रकार की नृत्य-नाटिका का उदय हुआ है। जो पूर्णतः एक नाट्य स्वरूप है। | |||
*भारत में नृत्य की जड़ें प्राचीन परंपराओं में है। इस विशाल उपमहाद्वीप में नृत्यों की विभिन्न विधाओं ने जन्म- लिया है। | |||
*वर्तमान समय में भारत में नृत्य की लोकप्रियता इस तथ्य से आंकी जा सकती है कि शायद ही कोई ऐसी भारतीय फिल्म होगी, जिसमें आधे दर्जन नृत्य न हों। | |||
*भारत की सभी संस्कृतियों में किसी न किसी रूप में नृत्य विद्यमान है। '''[[नृत्य कला|.... और पढ़ें]]''' | |||
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| class="headbg22" style="border:1px solid #FFA6A6;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg21" style="padding-left:8px;">'''चयनित लेख'''</div> | | class="headbg22" style="border:1px solid #FFA6A6;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg21" style="padding-left:8px;">'''चयनित लेख'''</div> | ||
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[मूर्ति कला मथुरा]]'''</div> | ||
[[चित्र:Buddha-3.jpg|right|70px|बुद्ध|link=बुद्ध]] | |||
*रत्न आकर्षक [[खनिज]] का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। | *रत्न आकर्षक [[खनिज]] का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। | ||
*रत्न अपनी '''चमक और अन्य भौतिक गुणों''' के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है। | *रत्न अपनी '''चमक और अन्य भौतिक गुणों''' के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है। |
14:13, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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