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तुमारो चीर तो तब नही। देउंगा हो जा जलजे न्यारी॥2॥
 
तुमारो चीर तो तब नही। देउंगा हो जा जलजे न्यारी॥2॥
 
ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी। तुम पुरुख हम नारी॥3॥
 
ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी। तुम पुरुख हम नारी॥3॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम जीते हम हारी॥४॥
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मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम जीते हम हारी॥4॥
  
  

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हमरे चीर दे बनवारी -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

हमरे चीर दे बनवारी॥ध्रु०॥
लेकर चीर कदंब पर बैठे। हम जलमां नंगी उघारी॥1॥
तुमारो चीर तो तब नही। देउंगा हो जा जलजे न्यारी॥2॥
ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी। तुम पुरुख हम नारी॥3॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम जीते हम हारी॥4॥

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