कछमछाना

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कछमछाना - क्रिया अकर्मक (हिन्दी कसमसाना)[1]

कसमसाना।

उदाहरण-

फिर भी जाने क्या बात थी कि दूल्हा रह रहकर कछमछा उठता था। - नई पौध[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 743 |
  2. नई पौध, नागार्जुन, किताब महल, इलाहाबाद, प्रथम संस्करण, 1953

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