लाल क़िला
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एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- लाल क़िला (बहुविकल्पी) |
लाल क़िला
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विवरण | दिल्ली का लाल क़िला दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्य क़िलों में से एक है। लाल क़िला का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह लाल पत्थरों से बना हुआ है। |
केन्द्र शासित प्रदेश | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली |
ज़िला | नई दिल्ली |
निर्माता | शाहजहाँ |
निर्माण काल | 1638-1648 |
स्थापना | 1648 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 28°. 39′ 21″ ″; पूर्व- 77°. 14′ 25″ |
मार्ग स्थिति | आसफ अली रोड से 4.8 किमी की दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | लाल क़िला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में चयनित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि |
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इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
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पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन |
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सराय काले ख़ाँ बस अड्डा, अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डा |
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ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मेट्रो रेल, बस |
क्या देखें | दीवान-ए-आम, नहर-ए-बहिश्त, ख़ास महल, दीवान-ए-ख़ास, मोती मस्जिद, हयात बख़्श बाग़ |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 011 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
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गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | इंडिया गेट, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन आदि |
अन्य जानकारी | भारत के प्रधानमंत्री लाल क़िला से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। |
अद्यतन | 13:44, 15 अगस्त 2015 (IST)
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लाल क़िला (अंग्रेज़ी: Red Fort) दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्य क़िलों में से एक है। लाल क़िला का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह लाल पत्थरों से बना हुआ है। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री प्रातः 7 बजे लाल क़िले पर झण्डा लहराते हैं और अपने देशवासियों को अपने देश की नीति पर भाषण देते हैं। हज़ारों लोग उनका भाषण सुनने के लिए लाल क़िले पर जाते हैं। दिल्ली में स्थित यह ऐतिहासिक क़िला मुग़लकालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है। भारत का इतिहास भी इस क़िले के साथ काफ़ी नज़दीकी से जुड़ा हुआ है। यहीं से ब्रिटिश व्यापारियों ने अंतिम मुग़ल शासक, बहादुरशाह ज़फर को पद से हटाया था और तीन शताब्दियों से चले आ रहे मुग़ल शासन का अंत हुआ था। भारत की शान के प्रतीक लाल क़िले का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने सत्रहवीं शती में कराया था। तब से अब तक यह ऐतिहासिक विरासत कई हमलों को झेल चुकी है। आज़ादी की लड़ाइयों का भी लाल क़िला साक्षी रहा है। लाल क़िले की प्राचीर से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की थी कि अब भारत उपनिवेशी राज से स्वतंत्र है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगी पुरानी दिल्ली शहर में स्थित है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में चयनित है।

निर्माणकाल
भारत के सम्मान का प्रतीक और जंग-ए-आज़ादी का गवाह रहा दिल्ली का लाल क़िला सत्रहवीं शताब्दी में मुग़ल शासक शाहजहाँ ने बनवाया था। आगरा से दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने के लिए शाहजहाँ ने एक पुराने क़िले की जगह पर 1638 में लाल क़िले का निर्माण शुरू करवाया था, जो 10 साल बाद 1648 में पूर्ण हुआ। मुग़ल शासक, शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा पर शासन करने के बाद यह निर्णय लिया कि देश की राजधानी को दिल्ली लाया जाए और 1618 में लाल क़िले की नींव रखी गई। वर्ष 1647 में इसके उद्घाटन के बाद महल के मुख्य कक्षों को भारी पर्दों से सजाया गया। चीन से रेशम और टर्की से मखमल लाकर इसकी सजावट की गई। लगभग डेढ़ मील के दायरे में यह क़िला अनियमित अष्टभुजाकार आकार में बना है। इसके दो प्रवेश द्वार हैं -
- लाहौर गेट
- दिल्ली गेट।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- Bharat.gov.in
- Red Fort Complex Red Fort Complex whc.unesco.org
- The Red Fort was the highlight of our visit to Old Delhi.
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