सर अब्दुल कादिर
सर अब्दुल कादिर
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पूरा नाम | सर अब्दुल कादिर |
जन्म | 15 मार्च, 1874 |
जन्म भूमि | पंजाब (अविभाजित भारत) |
मृत्यु | 9 फ़रवरी, 1950 |
मृत्यु स्थान | लाहौर |
कर्म-क्षेत्र | न्यायविद, पत्रकार और राजनीतिज्ञ |
मुख्य रचनाएँ | न्यू स्कूल ऑफ़ उर्दू लिटरेचर, फेमस उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स, मकामे खिलाफत। |
सक्रिय काल | 1898–1950 |
अन्य जानकारी | सर अब्दुल कादिर की विशेष प्रसिद्धि साहित्यिक रुचि के कारण हुई। उर्दू भाषा की पत्रिका 'मखजन' का अपने समय में बड़ा नाम था। |
सर अब्दुल कादिर (अंग्रेज़ी: Sir Abdul Qadir, जन्म- 15 मार्च, 1874, पंजाब; मृत्यु- 9 फ़रवरी, 1950, लाहौर) न्यायविद, पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे। वे पंजाब हाईकोर्ट के न्यायाधीश और बहावलपुर राज्य के मुख्य न्यायाधीश रहे।
परिचय
न्यायविद, पत्रकार और राजनीतिज्ञ सर अब्दुल कादिर का जन्म 1874 ई. में पंजाब के कसूर नामक स्थान में हुआ था। इंग्लैंड से क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने सरकारी वकील के रूप में काम आरंभ किया। बाद में पंजाब हाईकोर्ट के न्यायाधीश और बहावलपुर राज्य के मुख्य न्यायाधीश रहे। 1920 में कादर यूनियनिस्ट पार्टी की टिकट पर पंजाब प्रांतीय काउंसिल के सदस्य चुने गए पर बाद में मुस्लिम लीग में सम्मिलित हुए। कुछ दिन वे पंजाब के शिक्षामंत्री, गवर्नर और वायसराय की एग्जीक्यूटिव के सदस्य भी रहे।[1]
साहित्यिक रुचि
सर अब्दुल कादिर की विशेष प्रसिद्धि साहित्यिक रुचि के कारण हुई। उर्दू भाषा की पत्रिका 'मखजन' का अपने समय में बड़ा नाम था। कादिर की तीन पुस्तकें विशेष रूप से प्रसिद्ध हुईं-
- न्यू स्कूल ऑफ़ उर्दू लिटरेचर
- फेमस उर्दू पोएट्स एंड राइटर्स
- मकामे खिलाफत
मृत्यु
न्यायविद, पत्रकार और राजनीतिज्ञ सर अब्दुल कादिर का 9 फ़रवरी, 1950 में लाहौर, पाकिस्तान में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 898 |