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'''सजन''' [[महाराष्ट्र]] राज्‍य के [[ठाणे ज़िला|ठाणे ज़िले]] में बसा हुआ एक शहर है। यह [[मुंबई]] से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस शहर कुछ [[फल|फलों]], जैसे- [[चीकू]] और [[आम]] आदि की बाग़वानी बड़े स्‍तर पर होती है।
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'''सजन''' [[महाराष्ट्र]] राज्‍य के [[ठाणे ज़िला|ठाणे ज़िले]] में बसा हुआ एक शहर है। यह [[मुंबई]] से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस शहर में कुछ [[फल|फलों]], जैसे- [[चीकू]] और [[आम]] आदि की बाग़वानी बड़े स्‍तर पर होती है।
 
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====पर्यटन स्थल====
 
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पिछले कुछ वर्षों से सजन को एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया गया है। य‍ह क्षेत्र सजन गाँव और शहर में बंटा हुआ है। यह एक ऐसा शहर है, जहाँ एक ही स्‍थान पर [[धर्म]] और प्रकृति का मिलाप होता है। सजन को देश में एक आकर्षक पर्यटन स्‍थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ कई धार्मिक स्‍थल मौजूद हैं। यहाँ का 'पलूसा झरना' अपने आप में अद्वितीय है, जो 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यहाँ की [[झील]] कभी सूखती नहीं है और निरंतर बहती रहती है। यहाँ आने वाले पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ सुखद समय यहाँ बिता सकते हैं। वैसे यहाँ की टाइगर गुफ़ाएँ और कोहेज क़िला भी काफ़ी पुराने और ऐतिहासिक हैं। इतिहास पसन्द करने वाले पर्यटक यहाँ आकर काफ़ी जानकारी प्राप्‍त कर सकते है।
 
पिछले कुछ वर्षों से सजन को एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया गया है। य‍ह क्षेत्र सजन गाँव और शहर में बंटा हुआ है। यह एक ऐसा शहर है, जहाँ एक ही स्‍थान पर [[धर्म]] और प्रकृति का मिलाप होता है। सजन को देश में एक आकर्षक पर्यटन स्‍थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ कई धार्मिक स्‍थल मौजूद हैं। यहाँ का 'पलूसा झरना' अपने आप में अद्वितीय है, जो 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यहाँ की [[झील]] कभी सूखती नहीं है और निरंतर बहती रहती है। यहाँ आने वाले पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ सुखद समय यहाँ बिता सकते हैं। वैसे यहाँ की टाइगर गुफ़ाएँ और कोहेज क़िला भी काफ़ी पुराने और ऐतिहासिक हैं। इतिहास पसन्द करने वाले पर्यटक यहाँ आकर काफ़ी जानकारी प्राप्‍त कर सकते है।

14:03, 25 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

सजन महाराष्ट्र राज्‍य के ठाणे ज़िले में बसा हुआ एक शहर है। यह मुंबई से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस शहर में कुछ फलों, जैसे- चीकू और आम आदि की बाग़वानी बड़े स्‍तर पर होती है।

इतिहास

इस शहर के इतिहास के विषय में कहा जाता है कि जब पुर्तग़ालियों ने भारत पर आक्रमण किया तो उन्‍होंने सजन शहर को ही अपने ठहरने के लिए चुना था। इसके बाद 1300 से 1660 ई. तक सजन में मुस्लिम साम्राज्य रहा, जिसका अन्‍त मराठों ने किया। मराठों के शासन काल में सजन की काफ़ी उन्‍नति हुई, लेकिन बाद के समय में अंग्रेज़ों ने सजन पर कब्‍ज़ा कर लिया और इसकी गरिमा को बहुत नुकसान पहुँचाया।[1]

पर्यटन स्थल

पिछले कुछ वर्षों से सजन को एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया गया है। य‍ह क्षेत्र सजन गाँव और शहर में बंटा हुआ है। यह एक ऐसा शहर है, जहाँ एक ही स्‍थान पर धर्म और प्रकृति का मिलाप होता है। सजन को देश में एक आकर्षक पर्यटन स्‍थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ कई धार्मिक स्‍थल मौजूद हैं। यहाँ का 'पलूसा झरना' अपने आप में अद्वितीय है, जो 60 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यहाँ की झील कभी सूखती नहीं है और निरंतर बहती रहती है। यहाँ आने वाले पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ सुखद समय यहाँ बिता सकते हैं। वैसे यहाँ की टाइगर गुफ़ाएँ और कोहेज क़िला भी काफ़ी पुराने और ऐतिहासिक हैं। इतिहास पसन्द करने वाले पर्यटक यहाँ आकर काफ़ी जानकारी प्राप्‍त कर सकते है।

कैसे पहुँचें

महाराष्ट्र के इस शहर में वायु, रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। वर्ष के कुछ प्रमुख मौकों पर यहाँ आने का आनन्द ही अलग होता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 सजन (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2013।

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