"खलीलुल्ला ख़ाँ" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''खलीलुल्ला ख़ाँ''' उस फौज का एक सिपहसालार था, जिसको ले...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "खाली " to "ख़ाली ")
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
*खलीलुल्ला ख़ाँ की विश्वासघातपूर्ण सलाह पर ही शाहज़ादा दारा लड़ाई के नाजुक दौर में उस [[हाथी]] पर से उतर गया, जिस पर वह लड़ाई से पूर्व सवार था।
 
*खलीलुल्ला ख़ाँ की विश्वासघातपूर्ण सलाह पर ही शाहज़ादा दारा लड़ाई के नाजुक दौर में उस [[हाथी]] पर से उतर गया, जिस पर वह लड़ाई से पूर्व सवार था।
 
*हाथी पर से उतर जाने के बाद दारा शिकोह एक घोड़े पर सवार हो गया था।
 
*हाथी पर से उतर जाने के बाद दारा शिकोह एक घोड़े पर सवार हो गया था।
*हाथी की पीठ पर खाली हौदा देखकर दारा के सिपाहियों ने समझा कि वह युद्ध में मारा गया और सारे सिपाही युद्ध भूमि से भाग खड़े हुए।
+
*हाथी की पीठ पर ख़ाली हौदा देखकर दारा के सिपाहियों ने समझा कि वह युद्ध में मारा गया और सारे सिपाही युद्ध भूमि से भाग खड़े हुए।
 
*खलीलुल्ला ख़ाँ की धोखेबाजी से [[दारा शिकोह|दारा]] यह युद्ध तो हारा ही, इसके साथ ही [[दिल्ली]] का ताज भी उसके हाथ से निकल गया।
 
*खलीलुल्ला ख़ाँ की धोखेबाजी से [[दारा शिकोह|दारा]] यह युद्ध तो हारा ही, इसके साथ ही [[दिल्ली]] का ताज भी उसके हाथ से निकल गया।
  

11:17, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

खलीलुल्ला ख़ाँ उस फौज का एक सिपहसालार था, जिसको लेकर बादशाह शाहजहाँ का सबसे बड़ा पुत्र शाहज़ादा दारा शिकोह अपने तीसरे और चौथे भाई औरंगज़ेब और मुराद से 1658 ई. में आगरा से 8 मील पूर्व सामूगढ़ में लड़ा था।

  • खलीलुल्ला ख़ाँ की विश्वासघातपूर्ण सलाह पर ही शाहज़ादा दारा लड़ाई के नाजुक दौर में उस हाथी पर से उतर गया, जिस पर वह लड़ाई से पूर्व सवार था।
  • हाथी पर से उतर जाने के बाद दारा शिकोह एक घोड़े पर सवार हो गया था।
  • हाथी की पीठ पर ख़ाली हौदा देखकर दारा के सिपाहियों ने समझा कि वह युद्ध में मारा गया और सारे सिपाही युद्ध भूमि से भाग खड़े हुए।
  • खलीलुल्ला ख़ाँ की धोखेबाजी से दारा यह युद्ध तो हारा ही, इसके साथ ही दिल्ली का ताज भी उसके हाथ से निकल गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख