पैठिक लावा ज्वालामुखी के मुख से निकलने वाला लावा है, जिसका रंग गहरा तथा काला होता है।
- यह लावा पतला और भार में हल्का होता है।
- सिलिका की मात्रा कम होने के कारण यह शीघ्र ही फैलकर जम जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भौगोलिक शब्दकोश |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकेशन्स, जयपुर एवं नई दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 38 |