एल नीनो
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एल नीनो (अंग्रेज़ी: El Nino) प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र की उस समुद्री घटना का नाम है, जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित इक्वाडोर और पेरु देशों के तटीय समुद्री जल में कुछ सालों के अंतराल पर घटित होती है। यह समुद्र में होने वाली उथल-पुथल है और इससे समुद्र के सतही जल का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है। इन्हें भी देखें: अलनीनो, ला नीनो एवं पर्यावरण और संविधान
संक्षिप्त परिचय
- 'एल नीनो' स्पैनिश भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- 'शिशु' यानी 'छोटा बालक'।
- अक्सर एल नीनो की शुरूआत दिसंबर में 'क्रिसमस' के आस पास होती है। ये ईसा मसीह के जन्म का समय है और शायद इसी कारण से इस घटना का नाम 'एल नीनो' पड़ गया, जो शिशु ईसा का प्रतीक है।
- जब समुद्र का सतही जल ज्यादा गर्म होने लगता है तो वह सतह पर ही रहता है। इस घटना के तहत समुद्र के नीचे का पानी ऊपर आने के प्राकृतिक क्रम में रुकावट पैदा होती है।
- सामान्यत: समुद्र में गहराई से ऊपर आने वाला जल अपने साथ काफ़ी मात्रा में मछलियों के लिए खाद्य पदार्थ लाता है। यह क्रिया एल नीनो के कारण रुक जाती है। इससे मछलियां मरने लगती हैं और मछुआरों के लिए यह समय सबसे दु:खदायी होता है।
- एल नीनों की प्रक्रिया एक बार शुरू होने पर कई सप्ताह या महीनों तक चलती है।
- समुद्र में एल नीनो अक्सर दस साल में दो बार आती है और कभी-कभी तीन बार भी।
- एल नीनो हवाओं के दिशा बदलने, कमज़ोर पड़ने तथा समुद्र के सतही जल के ताप में बढ़ोतरी की विशेष भूमिका निभाती है।
- एल-नीनो का एक प्रभाव यह होता है कि वर्षा के प्रमुख क्षेत्र बदल जाते हैं। परिणामस्वरूप विश्व के ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा होने लगती है। कभी-कभी इसके विपरीत भी होता है।[1]
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