महासागरीय निक्षेप
महासागरीय निक्षेप उन अवसादों को कहा जाता है, जो महासागरीय नितल पर मिलते हैं। ये अवसाद अघन रूप में महासागर की तली पर जमे रहते हैं।
- इन अवसादों की प्राप्ति चट्टानों पर निरन्तर क्रियाशील प्रक्रमों के कारण उनके अपक्षय व अपरदन से प्राप्त होने वाले अवसादों तथा महारागरीय जीवों तथा वनस्पतियों के अपशेषों से निर्मित एवं विकसित होती हैं।
- प्राप्ति के आधार पर इन अपवादों को दो भागों में बांटा जा सकता है-
- स्थलजात निक्षेप
- सागरीय निक्षेप
- स्थलजात निक्षेप
ये निक्षेप धरातल से नदियों, वायु, हिमानी आदि के अनाच्छादन एवं अपरदन द्वारा महासागरों में एकत्रित किये जाते हैं। बजरी, रेत, सिल्ट, मृतिका, पंक आदि प्रमुख स्थलजात निक्षेप हैं।
- सागरीय निक्षेप
इसे मुख्यत: दो भागों में बांटा जा सकता है-
- जैविक निक्षेप
- अजैविक निक्षेप
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