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साहब सब बिधि सुजान, दान खड्‌ग सूरो॥
 
साहब सब बिधि सुजान, दान खड्‌ग सूरो॥
 
सुखमय दिन द्वै निसान सबके द्वार बाजै।
 
सुखमय दिन द्वै निसान सबके द्वार बाजै।
कुसमय दसरथ के दानि! तैं गरीब निवाजै॥
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कुसमय दसरथ के दानि! तैं ग़रीब निवाजै॥
 
सेवा बिनु गुन बिहीन दीनता सुनाये।
 
सेवा बिनु गुन बिहीन दीनता सुनाये।
 
जे जे तैं निहाल किये फूले फिरत पाये॥
 
जे जे तैं निहाल किये फूले फिरत पाये॥

09:17, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

और काहि माँगिये, को मागिबो निवारै -तुलसीदास
तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

और काहि माँगिये, को मागिबो निवारै।
अभिमत दातार कौन, दुख-दरिद्र दारै॥
धरम धाम राम काम-कोटि-रूप रूरो।
साहब सब बिधि सुजान, दान खड्‌ग सूरो॥
सुखमय दिन द्वै निसान सबके द्वार बाजै।
कुसमय दसरथ के दानि! तैं ग़रीब निवाजै॥
सेवा बिनु गुन बिहीन दीनता सुनाये।
जे जे तैं निहाल किये फूले फिरत पाये॥
तुलसीदास जाचक-रुचि जानि दान दीजै।
रामचंद्र चंद तू, चकोर मोहि कीजै॥

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