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*जिस समय शाहजहाँ के पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध चल रहा था, रोशन आरा बेगम ने [[औरंगज़ेब]] का पक्ष लिया। | *जिस समय शाहजहाँ के पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध चल रहा था, रोशन आरा बेगम ने [[औरंगज़ेब]] का पक्ष लिया। |
13:48, 9 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
रोशन आरा बेगम मुग़ल बादशाह शाहजहाँ और 'मुमताज़ महल' (नूरजहाँ) की पुत्री थी। वह शाहजहाँ की दो पुत्रियों में से दूसरी थी, तथा औरंगज़ेब को मुग़ल वंश का अगला बादशाह बनते हुए देखना चाहती थी।
- जिस समय शाहजहाँ के पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध चल रहा था, रोशन आरा बेगम ने औरंगज़ेब का पक्ष लिया।
- वह राजधानी में होने वाली समस्त गतिविधियों की सूचना गुप्त रूप से औरंगज़ेब को भेजती रहती थी।
- रोशन आरा बेगम ने औरंगज़ेब को सिंहासन प्राप्त करने में हर सम्भव सहायता दी थी।
- वह दारा शिकोह की कट्टर शत्रु थी और उसे काफ़िर करार करके उसका वध कर देने के पक्ष में थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 416 |