सुजानपुर क़िला, कांगड़ा
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सुजानपुर क़िला हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों में से एक है। इस क़िले का निर्माण 1758 ई. में कांगड़ा के शासक राजा अभय सिंह ने कराया था। ये किला हमीरपुर के सुन्दर भवनों में से एक है।
- इस क़िले की आकर्षक पेंटिंग इसे और भी मनमोहक बनाती है जो इसकी लोकप्रियता में चार चाँद लगाती है।
- जब कांगड़ा के शासक अंग्रेजों से हार गए थे तो उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ इसी क़िले में शरण ली थी।
- इस क़िले की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहाँ पर अलग-अलग हिस्सों से आने वाले राजाओं के लिए अलग-अलग खण्डों का निर्माण कराया गया था ताकि उनके आराम में कोई कमी न हो।[1]
- सुजानपुर किला व्यास नदी के किनारे स्थित है, जहाँ पर राज्य के अलग-अलग मामलों की सुनवाई का आयोजन किया जाता था।
- क़िले के विशाल बरामदे में होली का आयोजन किया जाता था।
- यहाँ के अन्य आकर्षण नरबदेश्वर, गौरीशंकर और मुरली मनोहर मंदिर हैं।
- इस क़िले के बारे में कहा जाता है कि यहाँ खजाना छुपा हुआ है। खजाना छुपा होने का कारण इस किले को 'खजांची किला' भी कहते हैं।
- किले के बारे में ऐसा भी बताया जाता है कि इसके अंदर ही पांच किलोमीटर लंबी सुरंग है, लेकिन इस सुरंग के अंतिम छोर तक अब तक कोई नहीं पहुंच सका है। सुरंग का रास्ता काफी तंग और अधेरे से भरा हुआ है, इसलिए इस सुरंग के अंदर 100 मीटर से ज्यादा अंदर जाने के बारे में कोई सोचता तक नहीं है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सुजानपुर क़िला (हिंदी) nativeplanet.com। अभिगमन तिथि: 22 जुलाई, 2020।
- ↑ देश का वो रहस्यमयी किला, जहां छिपा है अरबों का खजाना (हिंदी) hindi.catchnews.com। अभिगमन तिथि: 22 जुलाई, 2020।