लाहूल

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लाहूल हिमाचल प्रदेश में स्थित प्राचीन स्थानों में से एक है। महाभारत के समय यह स्थान 'उत्सवसंकेत' अथवा 'किन्नर प्रदेश' के अन्तर्गत था। आज भी यहाँ पर प्रचलित विवाह आदि की प्रथाएं प्राचीन काल के विचित्र रीति रिवाजों की ही परंपरा में हैं।[1]

  • कुछ विद्वानों के मत में महाभारत, सभापर्व[2] में लाहूल को ही 'लोहित' कहा गया है।
  • लाहूल में 8वीं शती ई. का बना हुआ 'त्रिलोकनाथ का मंदिर' स्थित है। इसमें श्वेत संगमरमर की 3 फुट ऊंची मूर्ति प्रतिष्ठित है।
  • मंदिर की पुस्तिका के लेख के अनुसार त्रिलोकनाथ अथवा बोधिसत्व की इस मूर्ति का प्रतिष्ठान पद्यसंभव नामक एक बौद्ध भिक्षु ने आठवीं शती ई. में किया था।
  • भिक्षु पद्यसंभव ने तिब्बत के राजा के निमंत्रण पर भारत से तिब्बत जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार किया था।
  • त्रिलोकनाथ मंदिर को हिन्दू तथा बौद्ध दोनों ही पवित्र मानते हैं।
  • भारत से तिब्बत को जाने वाला प्राचीन मार्ग लाहूल होकर ही जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 817 |
  2. सभापर्व 27,17

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