परगट सिंह

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परगट सिंह
परगट सिंह
पूरा नाम परगट सिंह
जन्म 5 मार्च, 1965
जन्म भूमि मिथापुर, जालंधर, पंजाब
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र हॉकी
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार, 1989
प्रसिद्धि भारतीय हॉकी खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी परगट सिंह शानदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ अपने आप को भारतीय हॉकी के सबसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में प्रदर्शित करने में कामयाब रहे हैं।
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परगट सिंह (अंग्रेज़ी: Pargat Singh, जन्म- 5 मार्च, 1965, जालंधर, पंजाब) भारतीय हॉकी के बेहतरीन परिरक्षकों (डिफेंडर) में से एक रहे हैं। कॉलेज के दिनों से ही जबरदस्त उत्साह के साथ खेलने के कारण वे भारत की जूनियर हॉकी टीम में शामिल हो गए। कुछ समय पश्चात उनको भारत की सीनियर हॉकी टीम में शामिल कर लिया गया और उनको हांगकांग में होने वाले हॉकी टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला।

परिचय

परगट सिंह का जन्म 5 मार्च, 1965 को पंजाब के मिथापुर में हुआ था। एशियाई खेलों और एशिया कप के दौरान परगट सिंह ने अपने शानदार प्रदर्शन के कारण काफी प्रसिद्धि हासिल की थी। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव के ही एक विद्यालय से प्राप्त की। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद परगट सिंह ने अपना दाखिला प्रसिद्ध लायलपुर खालसा कॉलेज में करवा लिया। कॉलेज के दिनों में ही जबरदस्त उत्साह के साथ खेलने के कारण भारत की जूनियर हॉकी टीम में शामिल हो गए।[1]

सीनियर हॉकी टीम में सम्मिलित

कुछ समय पश्चात परगट सिंह को भारत की सीनियर हॉकी टीम में शामिल कर लिया गया और उनको हांगकांग में होने वाले हॉकी टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला, जहाँ दस अन्य देशों ने भी भाग लिया था। वह सभी की उम्मीदों के मुताबिक शानदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ अपने आप को भारतीय हॉकी के सबसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में प्रदर्शित करने में कामयाब रहे।

दृढ़ संकल्पी

परगट सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत और जर्मनी के बीच होने वाले एक विशेष मैच में, जब भारत का निराशाजनक स्कोर 1: 5 था, उस समय परगट सिंह के दृढ़ संकल्प के कारण भारत के सभी खिलाड़ियों ने उम्मीद के खिलाफ प्रदर्शन किया और बचे हुए 6 मिनट में 5 गोल करने में कामयाब हुए। मैच ड्रा हो गया था और उस मैच के कारण परगट सिंह लाखों भारतीयों के नायक बन गए थे।[1]

एक बार परगट सिंह की अदम्य इच्छा चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान जाग्रत हुई थी, जब भारत ने हॉलैंड को 3-2 से हराया। युवा और ऊर्जस्वी परगट सिंह ने अपनी गौरवशाली उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 परगट सिंह की जीवनी (हिंदी) hindi.mapsofindia.com। अभिगमन तिथि: 26 सितम्बर, 2021।

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