दूरशेत

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दूरशेत महाराष्ट्र में अंबा नदी के किनारे स्थित एक शांत गाँव है। यह गाँव दो पवित्र अष्टविनायक मन्दिरों पाली और महड के बीच स्थित है। अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और वन्य जीवन सफारी के लिए भी दूरशेत प्रसिद्ध है। इस स्थान के विषय में एक महत्त्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि मराठा प्रमुख छत्रपति शिवाजी ने इस गाँव का उपयोग युद्ध क्षेत्र की तरह किया था।

स्थिति तथा विस्तार

दूरशेत 42 एकड़ से भी ज़्यादा जंगल की भूमि में फैला हुआ है। यह सहयाद्रि पर्वतमाला की गोद में खोपोली गाँव के पास राजमार्ग से अलग बसा हुआ है। एक पर्यटन स्थल के रूप में दूरशेत से आम और महू के हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है। दूरशेत अपने निकट के शहर में रहने वाले लोगों के लिए एक ख़ास स्थान है।[1]

पर्यटक स्थल

यह गाँव एक पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। सप्ताह के आखिरी दिनों का यह एक आदर्श गंतव्य स्थान है, जहाँ शहरी लोग प्रकृति की गोद में खुलकर आराम कर सकते हैं। दूरशेत भारत के प्रमुख शहरों मुंबई और पुणे के नज़दीक स्थित है, इसीलिए शहर की भीड़-भाड़ से बचने के लिए बहुत ज़्यादा मात्रा में इस स्थान पर पर्यटक आते हैं।

दूरशेत राजसी सहयाद्रि पर्वत श्रेणी का आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है। यहाँ के जंगलों से चलते हुए पर्यटक यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों को देखकर स्वर्ग जैसा अनुभव कर सकते हैं। इन दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की चहचहाट पर्यटकों के हृदय को प्रसन्न कर देती है। यहाँ के रास्तों पर ताज़ी और प्रदूषण रहित वायु में साँस लेना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक है। ताज़ी हवा के हल्‍के स्पर्श और आकाश में चकित कर देने वाले प्रकाश के लिए दूरशेत एक आदर्श स्थान है। गीली धरती की सुगंध सूंघने और प्रकृति के निकट होने का एहसास प्राप्त करने के लिए मानसून यहाँ आने का सबसे उपयुक्त समय है।

क्या देखें

अपने बेहतरीन प्राकृतिक आवरण के कारण दूरशेत ट्रेकर्स और वन्य जीवन सफारी के लिए लोकप्रिय है। यहाँ पाली का गणपति मंदिर और महड का गणपति मंदिर, ये दो ऐसे धार्मिक स्थान है, जिन्हें अवश्य देखना चाहिए। एक छोटा-सा ज्ञात तथ्य यह भी है कि उम्बरखिंद की लड़ाई में दूरशेत का उपयोग युद्ध क्षेत्र की तरह किया गया था, जब मराठा प्रमुख महान् शिवाजी महाराज ने करतलब ख़ान से युद्ध किया था।[1]

परिवहन

दूरशेत तक पहुँचने के लिए परिवहन के तीनो साधन उपलब्ध हैं। वायुमार्ग, रेल और सड़क द्वारा यहाँ तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 दूरशेत (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 जनवरी, 2013।

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