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*[[महाराष्ट्र]] के नासिक ज़िले में जोगलथेम्बी स्थित है।  
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*[[महाराष्ट्र]] के नासिक ज़िले में जोगलयेबी स्थित है।  
*इस स्थान पर सातवाहनकालीन सिक्कों का उल्लेखनीय भण्डार मिला है।  
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*इस स्थान पर [[शक]] नरेश [[नहपान]] तथा [[सातवाहन]] राजा गौतमी पुत्र (द्वितीय शती ई.) के सिक्कों का एक उल्लेखनीय भण्डार मिला है।  
*इस ढ़ेर में [[चाँदी]] के बहुत से ऐसे सिक्के थे, जो महाक्षत्रप क्षहरात नहपान ने चलाये थे और जो दुबारा सातवाहन शासक [[गौतमीपुत्र सातकर्णि]] की मुद्रा से अंकित हैं।  
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*गौतमी पुत्र के सिक्के वास्तव में नहपान की ही रजत मुद्राएँ हैं जिन पर गौतमी पुत्र ने अपना नाम अंकित करवा दिया था।
*इससे महाराष्ट्र में शकवंशीय नहपान के पश्चात् सातवाहन राजाओं का शासन सिद्ध होता है।  
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*इस ढ़ेर में [[चाँदी]] के बहुत से ऐसे सिक्के थे, जो [[महाक्षत्रप]] क्षहरात वंश के [[नहपान]] ने चलाये थे और जो दुबारा सातवाहन शासक [[गौतमीपुत्र सातकर्णि]] की मुद्रा से अंकित हैं।  
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*इससे महाराष्ट्र में शकवंशीय नहपान के पश्चात् सातवाहन ([[ब्राह्मण]]) राजाओं का शासन सिद्ध होता है।  
 
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* ऐतिहासिक स्थानावली| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, पृष्ठ संख्या - 371
 
==संबंधित लेख==
 
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12:29, 17 जून 2013 के समय का अवतरण

  • महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में जोगलयेबी स्थित है।
  • इस स्थान पर शक नरेश नहपान तथा सातवाहन राजा गौतमी पुत्र (द्वितीय शती ई.) के सिक्कों का एक उल्लेखनीय भण्डार मिला है।
  • गौतमी पुत्र के सिक्के वास्तव में नहपान की ही रजत मुद्राएँ हैं जिन पर गौतमी पुत्र ने अपना नाम अंकित करवा दिया था।
  • इस ढ़ेर में चाँदी के बहुत से ऐसे सिक्के थे, जो महाक्षत्रप क्षहरात वंश के नहपान ने चलाये थे और जो दुबारा सातवाहन शासक गौतमीपुत्र सातकर्णि की मुद्रा से अंकित हैं।
  • इससे महाराष्ट्र में शकवंशीय नहपान के पश्चात् सातवाहन (ब्राह्मण) राजाओं का शासन सिद्ध होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, पृष्ठ संख्या - 371

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