सौ बरस पहले की बात -नीलम प्रभा

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सौ बरस पहले की बात -नीलम प्रभा
नीलम प्रभा
नीलम प्रभा
कवि नीलम प्रभा
जन्म 12 जुलाई
जन्म स्थान बक्सर, बिहार
अन्य नीलम प्रभा की वर्ष 1971 से वर्ष 1979 तक रचनाएं साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी, धर्मयुग में नियमित प्रकाशित हुई।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
नीलम प्रभा की रचनाएँ

कोई सौ एक बरस से पहले की बात है
इक रोज़ -
कातिब फुरसत में
अपने आरामगाह के पास बहती
धनक की झील में
अपनी कलम डुबो कर
बड़े सुकून, बड़ी तबीयत से
लकीरें खींच रहा था
और खींचता गया
फिर सारी लकीरें का गट्ठर बांधकर
पांच आबे-रवां की जमीन पर बसे
गुजरांवाला की मिट्टी की कोख में रख दिया
जहां से निकला
जिंदगी की छेनी से तराशा गया
वो मुजस्सिमा
इश्क की पाक दास्तान का
आबे-हयात सी सूरत
चांदनी में सरापा तर -ब -तर
धूप ने बांहों में भरकर कहा -
"तू जबतक चाहे
अपनी मर्ज़ी से जी
कि मौत की दस्तक से
तेरे नाम का बुलंद दरवाज़ा
सदा महफूज़ रहेगा"
और बादे -सबा ने
उसकी पेशानी को चूम
कानों में कहा,
" बात सुन,
महुए में लगे फूल,
बौराए आम के बाग,
गेहूं के होठों पर मुस्कान सी खिली
पहली बाली जैसी
दिखने वाली
तुझे क्या नाम दूं !
ओ अमृता !"

नीलम प्रभा

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