सजनि कौन तम में परिचित सा -महादेवी वर्मा

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सजनि कौन तम में परिचित सा -महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
कवि महादेवी वर्मा
जन्म 26 मार्च, 1907
जन्म स्थान फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 22 सितम्बर, 1987
मृत्यु स्थान प्रयाग, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ मेरा परिवार, स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, श्रृंखला की कड़ियाँ, अतीत के चलचित्र, नीरजा, नीहार
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महादेवी वर्मा की रचनाएँ

सजनि कौन तम में परिचित सा, सुधि सा, छाया सा, आता?
सूने में सस्मित चितवन से जीवन-दीप जला जाता!

छू स्मृतियों के बाल जगाता,
मूक वेदनायें दुलराता,
हृततंत्री में स्वर भर जाता,
बंद दृगों में, चूम सजल सपनों के चित्र बना जाता!

पलकों में भर नवल नेह-कन
प्राणों में पीड़ा की कसकन,
श्वासों में आशा की कम्पन
सजनि! मूक बालक मन को फिर आकुल क्रन्दन सिखलाता!

घन तम में सपने सा आ कर,
अलि कुछ करुण स्वरों में गा कर,
किसी अपरिचित देश बुला कर,
पथ-व्यय के हित अंचल में कुछ बाँध अश्रु के कन जाता!
सजनि कौन तम में परिचित सा, सुधि सा, छाया सा, आता?








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