अर्थान्तरन्यास अलंकार

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जहाँ सामान्य कथन का विशेष से या विशेष कथन का सामान्य से समर्थन किया जाए, वहाँ अर्थान्तरन्यास अलंकार होता है।[1]

  • सामान्य - अधिकव्यापी, जो बहुतों पर लागू हो।
  • विशेष - अल्पव्यापी, जो थोड़े पर ही लागू हो।
उदाहरण-

जो रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग ।
चन्दन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग ।।


इन्हें भी देखें: अलंकार, रस एवं छन्द


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी व्याकरण (हिन्दी) हिन्दीग्रामरलर्न.कॉम। अभिगमन तिथि: 15, 2014।

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