अन्योक्ति अलंकार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

'अन्योक्ति' का अर्थ है- "अन्य के प्रति कही गई उक्ति"। इस अलंकार में अप्रस्तुत के माध्यम से प्रस्तुत का वर्णन किया जाता है।

उदाहरण-

नहिं पराग नहिं मधुर मधु नहिं विकास इहि काल ।
अली कली ही सौं बिध्यौं आगे कौन हवाल ।।

उपरोक्त पंक्तियों में भ्रमर और कली का प्रसंग अप्रस्तुत विधान के रूप में है, जिसके माध्यम से राजा जयसिंह को सचेत किया गया है, अत: अन्योक्ति अलंकार है।[1]


इन्हें भी देखें: अलंकार, रस एवं छन्द


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी व्याकरण (हिन्दी) हिन्दीग्रामरलर्न.कॉम। अभिगमन तिथि: 15, 2014।

संबंधित लेख