बुलंद दरवाज़ा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:21, 1 अगस्त 2011 का अवतरण (Text replace - "{{विश्‍व विरासत स्‍थल}}" to "{{विश्व विरासत स्थल2}}")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
बुलंद दरवाज़ा, फ़तेहपुर सीकरी, आगरा
Buland Darwaja, Fatehpur Sikri, Agra
  • फ़तेहपुर सीकरी में अकबर के समय के अनेक भवनों, प्रासादों तथा राजसभा के भव्य अवशेष आज भी वर्तमान हैं।
  • यहाँ की सर्वोच्च इमारत बुलंद दरवाज़ा है, जिसकी ऊंचाई भूमि से 280 फुट है।
  • 52 सीढ़ियों के पश्चात दर्शक दरवाजे के अंदर पहुंचता है।
  • दरवाजे में पुराने जमाने के विशाल किवाड़ ज्यों के त्यों लगे हुए हैं।
  • शेख सलीम की मान्यता के लिए अनेक यात्रियों द्वारा किवाड़ों पर लगवाई हुई घोड़े की नालें दिखाई देती हैं।
  • बुलंद दरवाजे को, 1602 ई. में अकबर ने अपनी गुजरात-विजय के स्मारक के रूप में बनवाया था।
  • इसी दरवाजे से होकर शेख की दरगाह में प्रवेश करना होता है।
  • बाईं ओर जामा मस्जिद है और सामने शेख का मज़ार। मज़ार या समाधि के पास उनके संबंधियों की क़ब्रें हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख