"मै और कविता -दिनेश सिंह": अवतरणों में अंतर
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अगर कहो तुम सम्मुख तेरे | अगर कहो तुम सम्मुख तेरे | ||
दुःख का पारावार मै रख दूँ | दुःख का पारावार मै रख दूँ | ||
व्यथित शब्द का | व्यथित शब्द का जगत् उठाकर | ||
मै इन तेरे चरणो में रख दूँ | मै इन तेरे चरणो में रख दूँ | ||
14:08, 30 जून 2017 का अवतरण
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वो मेरी कविता तुम आकर |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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