शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान
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जन्म | 5 मार्च, 1959 |
जन्म भूमि | जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश |
अभिभावक | पिता- प्रेमसिंह चौहान, माता- सुंदरबाई चौहान |
पति/पत्नी | साधना सिंह |
संतान | दो पुत्र |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | 'भारतीय जनता पार्टी', 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' |
पद | मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश (चौथी बार) |
कार्य काल | मुख्यमंत्री
प्रथम बार-29 नवंबर, 2005-12 दिसंबर, 2008 |
शिक्षा | एम.ए. (दर्शनशास्त्र) |
विद्यालय | 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', भोपाल |
जेल यात्रा | आपने आपात काल का विरोध किया और 1976-1977 के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए भी कई बार जेल यात्राएँ कीं। |
अन्य जानकारी | श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये। |
अद्यतन | 11:15, 23 सितम्बर-2012 (IST) |
शिवराज सिंह चौहान (अंग्रेज़ी: Shivraj Singh Chouhan, जन्म- 5 मार्च, 1959, मध्य प्रदेश) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ताओं में गिना जाता है। वह मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। शिवराज सिंह चौहान 1990 में प्रथम बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। सन 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार वे सांसद बने। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय राजनीति में ख़ासा दख़ल रखने के साथ-साथ जुझारू और संघर्षशील युवा नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। भाजपा महासचिव रह चुके शिवराज सिंह भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने 23 मार्च, 2020 को कमलनाथ के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री की चौथी बार शपथ ली है।
विषय सूची
जीवन परिचय
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश में 'किरार राजपूत' परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान और माता का नाम सुंदरबाई चौहान है। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', भोपाल से स्नातकोत्तर (एम.ए.) दर्शनशास्त्र से किया और स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा पूर्ण की। श्री चौहान सन 1975 में 'मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल' में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने। 1972 में ही वे 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गये थे और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने आपात काल का विरोध किया और 1976-1977 के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए उन्होंने कई बार आन्दोलन किए और जेल यात्राएँ भी कीं। शिवराज सिंह चौहान का विवाह 1992 में साधना सिंह के साथ सम्पन्न हुआ। जबकि उन्होंने आजीवन कुवाँरे रहने की प्रतीज्ञा की थी। श्री चौहान दो पुत्रों के पिता हैं।[1]
सांसद
सन 1977-1978 में वे 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के संगठन मंत्री बने और सन 1978 से 1980 तक 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान सन 1980 से 1982 तक 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के प्रदेश महासचिव, 1982-1983 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-1985 में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा', मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये।
शिवराज सिंह चौहान 1991-1992 मे 'अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी' के संयोजक तथा 1992 में 'अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा' के महासचिव बने। सन 1992 से 1994 तक 'भारतीय जनता पार्टी' के प्रदेश महासचिव नियुक्त हुए। सन 1992 से 1996 तक 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक 'श्रम और कल्याण समिति' तथा 1994 से 1996 तक 'हिन्दी सलाहकार समिति' के सदस्य रहे।[1]
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |