दिल हमारा लापता है शाम से कर रहा है क्या ? गया किस काम से दर्द ले कर दिल हमारा ले लिया हो गए दोनों बड़े अंजाम से लाश में ही जान अब तो डालिए एक भी बाक़ी न क़त्लेआम से आप हों चाहे न जितनी दूर क्यों ? जी रहे हम आपके ही नाम से ज़िंदगी गुज़री मुसीबत से भरी मर गए हम तो बहुत आराम से